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पुलिस को हर साल 48 हजार करोड़ रुपये रिश्वत देते हैं ट्रक ड्राइवर

देश की सड़कों पर रिश्वत का खेल खुलेआम चल रहा है। यह ‘खेल’ इतना बड़ा है कि इसने कई उद्योगों से होने वाली कमाई को भी पीछे छोड़ रखा है। एक चौंकाने वाले खुलासे में यह बात सामने आई है कि ट्रक ड्राइवर हर साल पुलिसवालों को 48 हजार करोड़ रुपये तक रिश्वत दे देते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक हर साल ट्रक वाले ट्रैफिक पुलिस या परिवहन से जुड़े अन्य अधिकारियों को इतनी मोटी रकम रिश्वत के तौर पर दे देते हैं। यहां तक कि जागरण कराने वाली पूजा समिति जैसे छोटे-छोटे समूह भी इन्हें नहीं बख्शते। ये स्थानीय समूह ट्रक वालों को धमकाकर पैसा वसूलते हैं और पैसा नहीं देने पर रास्त नहीं देते हैं। 

सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ ‘सेव लाइफ फाउंडेशन’ ने देश के 10 बड़े परिवहन व ट्रांजिट केंद्रों पर अध्ययन किया। इस दौरान 1217 ट्रक ड्राइवरों और 110 ऐसे ट्रक मालिकों से बात की गई, जिनके पास कई वाहन हैं। सर्वे में 82 फीसदी ट्रक ड्राइवरों ने माना कि अपनी पिछली यात्रा में उन्होंने सड़क पर किसी न किसी अधिकारी को रिश्वत दी। 

चौंकाने वाले ये तथ्य आए सामने 

  • 1257 रुपये औसतन रिश्वत देनी पड़ती है प्रत्येक यात्रा के लिए ट्रक ड्राइवर को 
  • दिल्ली के 84 फीसदी ड्राइवरों ने हाईवे पुलिस या ट्रैफिक पुलिस को रिश्वत देने की बात स्वीकारी।
  • 78 प्रतिशत ड्राइवरों ने माना कि लाइसेंस नवीनीकरण के लिए उन्हें रिश्वत देनी पड़ी। 
  • लाइसेंस नवीनीकरण के लिए सबसे ज्यादा रिश्वत दिल्ली में ही दी जाती है। यहां एक ड्राइवर को औसतन 2025 रुपये देने पड़ते हैं। 

इन शहरों में सबसे बुरा हाल 

  • सड़क परिवहन व राजमार्ग राज्य मंत्री वीके सिंह ने इस रिपोर्ट को पेश किया है। इसके मुताबिक 67 फीसदी ड्राइवर रिश्वत देते हैं। 
  • गुवाहाटी में 97.5 फीसदी ड्राइवरों ने ट्रैफिक पुलिस या अधिकारी को रिश्वत देने की बात स्वीकारी। 
  • इसके बाद चेन्नई (89) फीसदी और दिल्ली (84.4) प्रतिशत का नंबर आता है।

रिश्वत के अघोषित नियम 

  • सर्वे के मुताबिक आरटीओ कार्यालय में रिश्वत के बहुत से अघोषित नियम हैं। देशभर में 44 फीसदी लोगों ने इस बात को माना है।
  • यह भी पता चला है कि सड़क पर रिश्वत लेने के लिए उनके तरीके भी अलग-अलग हैं। कोई गुलाबी रंग की पर्ची से रिश्वत लेता है, तो कोई दूसरा अन्य संकेत इस्तेमाल करता है। 

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