Rahat indori shayri

NEWS in HindiThe Buzz

‘अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे​, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे’: नहीं रहे राहत इंदौरी

1 जनवरी 1950 को राहत साहब का जन्म हुआ था. वह दिन इतबार का था और इस्लामी कैलेंडर के अनुसार

Read More
IndoreNEWS in HindiThe Buzz

राहत इंदौरी से पूछा, उम्रदराज होकर रोमांटिक शायरी कैसे लिखते हैं, दिल जीत लेगा जवाब

कपिल शर्मा शो के एक एपिसोड में राहत इंदौरी ने शिरकत की थी. उस रोज शो का मिजाज एक दम

Read More